Mission Shakti Yojana: उत्तर प्रदेश में अब रोडवेज बसों के बाद महिलाओं को भी सार्वजनिक परिवहन में ड्राइविंग सीट पर देखा जा रहा है। योगी सरकार मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को स्वरोजगार उन्मुख ई रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ रही है, जो प्रदेश की महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में जुटी हुई है। इसके माध्यम से सरकार न सिर्फ महिलाओं को निशुल्क ई-रिक्शा प्रशिक्षण दे रही है, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस और सस्ता ब्याज पर ई-रिक्शा दिलाने का भी प्रबंध कर रही है। यही नहीं, 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी ई-रिक्शा पर दी जा रही है। प्रत्येक जनपद से 250 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकार की इस पहल से अब प्रशिक्षित महिला ड्राइवर्स राज्य भर में अच्छे ई रिक्शा चलाती नजर आएंगी। इससे उनकी आय का नियंत्रण होगा और सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण होगा।
पिंक ड्रेस और सेफ्टी किट दी जा रही है महिलाओं को

उनका कहना था कि यह एक लोकप्रिय कार्यक्रम है। इसके तहत हमने हर जनपद में 250 महिलाओं का लक्ष्य निर्धारित किया है। 250 महिलाओं को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत ई-रिक्शा से स्वरोजगार की शिक्षा दी जाएगी। महिलाओं को चयन के बाद ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें क्लासरूम ट्रेनिंग भी शामिल है, जिसमें उन्हें ई-रिक्शा चलाने के नियमों और नियमों की जानकारी दी जाती है। इसके बाद, उन्हें व्यवहारिक रूप से ई-रिक्शा चलाना सिखाया जाता है। महिलाओं को ई-रिक्शा की पिंक ड्रेस और सेफ्टी और स्टेशनरी किट भी मिल रहे हैं। महिलाओं को आरटीओ के सहयोग से ड्राइविंग लाइसेंस भी मिल रहे हैं। हम भी उनको बैंक तक ले जा रहे हैं। इसमें सुनिश्चित किया जा रहा है कि महिलाओं को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (जिसमें आसान बैंक लोन भी शामिल है) का लाभ मिल सके।
स्वरोजगार शुरू करने में मदद की जा रहीं है
योजना के तहत ई-रिक्शा की स्टैंडर्ड लागत 1.98 लाख रुपए है, प्रवीन सिंह ने बताया। जेम पोर्टल ने हमें ई रिक्शा कंपनीज का चयन करने में मदद की है। ये कंपनियां सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले लिथियम आयन बैटरी वाले ई रिक्शा बनाती हैं। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 49 हजार 500 रुपये की सब्सिडी 1.98 हजार में योग्य पाई जाने वाली महिलाओं को मिलेगी। नेशनलाइज बैंक से अतिरिक्त धन प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि महिलाओं को बैंक तक पहुंचाना और उनका फाइनेंस देना, ताकि वे स्वरोजगार शुरू कर सकें। उन्हें बताया गया कि कार्यक्रम नवंबर 2023 से शुरू होगा। वर्तमान में यह कार्यक्रम बैचवार रूप से चल रहा है, जिसमें प्रति जनपद 250 महिलाओं को एक बैच में प्रशिक्षण दिया जाता है। जिन जनपदों में अधिक पोटेंशियल है, उनमें भी अधिक संख्या हो सकती है।
20 हजार महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता जा रहा है

यूपीकॉन के एमडी प्रवीण सिंह ने बताया कि एमएसएमई विभाग और यूपीकॉन दोनों ई रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम को मिशन शक्ति योजना के तहत संचालित कर रहे हैं। इसका लक्ष्य प्रत्येक जनपद से एक हजार महिलाओं को प्रशिक्षित करना है। मिशन शक्ति ने दो भागों को प्रशिक्षण दिया है। पहली बार, 56200 महिलाओं (750 प्रति जनपद) को छह दिन का प्रशिक्षण दिया गया था। इसमें महिलाओं के कार्यस्थल की सुरक्षा और स्वयंरक्षा के बारे में तीन दिन की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद उन्हें उद्यमिता विकास पर तीन दिन की ट्रेनिंग दी गई। फेज 2 में प्रत्येक जनपद में 250 महिलाओं के हिसाब से 18750 महिलाओं को ई-रिक्शा ट्रेनिंग दी जा रही है। ड्राइविंग क्षेत्र में स्वरोजगार उन्मुख प्रशिक्षण की अवधि छह महीने की है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की गाइडलाइंस प्रशिक्षण के लिए महिलाओं को चुनती हैं। 18 से 40 वर्ष की महिलाएं 10वें स्थान पर पात्र हैं। साथ ही उनके पास पैन कार्ड और आधार होना अनिवार्य है।
योजनाओं से महिलाओं का शक्तिकरण
यह परियोजना महिला उम्मीदवारों को महिला सुरक्षा उपायों और समाज में सपोर्टेड प्लेटफॉर्म्स के बारे में जानकारी देना चाहती है। साथ ही उन्हें सुरक्षित यात्रा करने में मदद करके समाज की अन्य महिलाओं की मदद करने के लिए प्रेरित करना है और महिलाओं के लिए एक आदर्श मॉडल बनना है। यही नहीं, समाज की सभी महिलाओं को उद्यमी बनने की कोशिश करने के लिए कार्यक्रमों में शामिल होना भी शामिल है।